जीवन में हमें कम से कम परेशानियाँ का सामना करना पड़े, इसके लिए जरूरी है हमें कुछ सावधानियों पर भी ध्यान देना चाहिए । एक कहावत भी है “सावधानी हटी,दुर्घटना घटी”

सफ़र के दौरान भी हमें बहुत सी छोटी बड़ी सावधानियों का ख्याल रखना पड़ता है ताकि हमारा सफर वास्तव में सुहाना बन सके।

सफ़र में उम्र, लिंग और शारीरिक क्षमता के अनुसार सावधानियाँ रखना ज़्यादा बेहतर विकल्प होगा इन्ही के अनुसार हम सफ़र के विभिन्न माध्यमों का चुनाव भी कर सकते है।

युवावस्था में जहां एक और बाइक राइडिंग का क्रेज़ रहता है और लोग लेह लद्दाख तक के दुर्गुम रास्तो पर भी रोमांचक सफ़र का आनंद लेते है वही वृद्धावस्था या शारीरिक अक्षमता में शायद ही इस तरह का सफ़र किया जाना सही रहेगा। बाइक का सफ़र प्रॉपर राइडिंग गियर के साथ ही करना चाहिए और बाइक का भी प्रॉपर मैनटैनेड होनी जरूरी है।

कार का सफ़र बाइक के सफ़र की तुलना में काफी आरामदायक रहता है क्योंकि बारिश,धुप,सर्दी,गर्मी की कोई इतनी चिंता नहीं रहती और हम थकने पर उसमे आराम भी कर  सकते है। कार सुरक्षा की दृष्टि से भी ज़्यादा सुरक्षित रहती है परन्तु जिन रास्तो पर आप बाइक से जा सकते है उन पर कार से नहीं जा सकते और साथ में खर्चा भी ज़्यादा आता है। 

आप जब भी अपने व्यक्तिगत वाहन से सफ़र पर जाये तो जरूरी है हमारे साथ सारे जरूरी दस्तावेज़ होने चाहिए और साथ ही वाहन की कंडीशन भी बहुत अच्छी होनी चाहिए। आपके अपने वाहन में यदि  GPRS लगा होगा तो यह सुरक्षा की दृस्टि से और भी सुरक्षित होगा।

यदि आप किसी मेडीसिन का सेवन करते है तो यह भी जान लेना जरूरी है की इसको लेने के बाद नींद तो नहीं आती यदि आती है तो अवॉयड करे यात्रा या दवाई। नहीं तो कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है। 

प्लेन का सफर कुछ लोगो के लिए रोमांचक या डरावना हो सकता है। टेक ऑफ़ और लैंडिंग के दौरान थोड़ा अलग एहसास होता है जो अधिकतर लोगो के लिए सामान्य सी बात है। 

एयरपोर्ट पर टाइम से पहले पहुंचना,अपने सामान का वज़न मापदंडो के हिसाब से रखना और उचित दस्तावेज़ो का हमारे साथ होना आदि का हमको विशेषरूप से ख्याल रखना पड़ता है।

अधिकतर लोग छोटी यात्राओं पर बस से जाना ज्यादा पसंद करते है क्योंकि बसें सुगमता से मिल जाती है। 

आजकल बस  भी भिन्न भिन्न सुविधाओं से सुशज्जित होती है,जरूरी है अपने बजट के हिसाब से पहले ही बुकिंग कर  ले ताकि आपको मनपसंद सीट भी मिल जाये, कोशिश होनी चाहिए की सीट जितना बस में आगे की  तरफ होगी उतना ही आराम रहेगा।

ट्रैन में सफर का मतलब है कि पटरी पर ट्रैन के पहियों की आवाज के साथ एक स्थिरता में मूवमेंट का आनंद लेना और बाहर के सूंदर नज़ारे को देखना। बाइक,कार,बस.प्लेन की तुलना में ट्रैन का सफर करना ज़्यादा सुविधाजनक है। उसमे आपके टहलने के लिए भी बहुत सारी जगह होती है। ट्रैन में आप आराम से बैठ सकते है ज्यादा थकान होने पर लेट भी सकते है। आराम से किताब पढ़ सकते है।   

ट्रैन में सफर करने पर आपको ट्रैफिक का सामना नहीं करना पड़ता और अन्य की तुलना में प्रदुषण भी कम रहता है। 

ट्रैन में सफर के लिए सुविधाजनक ट्रैन और सीट का चुनाव करना चाहिए। ट्रैन में मिलने वाले चादर तकिये से अच्छा  है आप इनको अपने साथ अपना ही लेकर लेकर जाये क्योंकि ट्रैन में मिलने वाले सामान की गुणवत्ता हमेशा सदेह के घेरे में रहती है,और खाना तो हमेशा  देखभाल कर ही खाये। 

गर्भावस्था या शारीरिक अक्षमता में सबसे नीचे की सीट का चुनाव करना सबसे अच्छा रहता है। ट्रैन में आप हमेसा उसी सीट पर बैठे जिसका मुँह ट्रैन के सीधे साइड में हो ताकि आपको कोई असुविधा न हो। 

आप सफर में सुविधाजनक व् ढ़ीले कपडे पहने और आरामदायक जूते भी पहन सकते है क्योंकि इससे आपके ब्लड सर्क्युलेशन में रुकावट नहीं होगी।

यदि आप पैकेज लेकर यात्रा पर जा रहे है तो एजेंट से सब  कुछ विस्तार में पूछ ले नहीं बाद में कई बार बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि खाने के मेनू में क्या क्या होगा भी पहले से जान ले क्योंकि कई बार देखा गया है ग्रुप को खाना उतना अच्छा नहीं दिया जाता। 

यदि आपका खाना  किसी रेस्टारेंट में है तो वहां का रेगुलर ‘ala carte’ मेनू भी देख ले क्योंकि कही कही पर ग्रुप के लोगो को सामान्य से अधिक दामों में उत्पाद बेचे जाते है।

सफर में आप ऐसा कोई भी खाद्य पदार्थ न खाए जो पका हुआ ना हो,जैसे सलाद, दही इत्यादि क्योंकि यह बहुत जल्दी और आसानी से ख़राब हो जाते है जबकि गरम किये खाने में बैक्टीरिया मर जाते है।  सफर करते समय बहुत सारा पानी पिए और हाइड्रेटेड रहे। यदि संभव हो तो इस दौरान काफी या चाय न ले और यदि आपको बहुत इच्छा हो रही है तो आप थोड़ी सी चाय ले सकते है। इस समय कोल्ड ड्रिंक्स तो बिलकुल भी न ले। सफर में पैकेज़्ड फ़ूड खरीदने से पहले उसमे लिखी एक्सपायरी डेट जरूर चेक कर  ले।

जहाँ तक संभव हो घर का बना खाना साथ में रखना ज्यादा अच्छा रहेगा क्योंकि सफ़र के दौरान सावधानीपूर्वक खाने का चुनाव अत्यंत ही जरूरी है।

सफ़र में स्वयं का और अपने सामान का सावधानीपूर्वक ख्याल रखा जाना जरूरी है क्योंकि कई जगह पर पॉकेटमार,चोर,लुटेरे आदि होते है जो सामान्यजन की भाति ही बिहेव करते है और मौका पाकर अपने कुकर्म को अंजाम देते है।आप चाहे तो साथ में एक dummy वॉलेट रख सकते है।  

कोशिश होनी चाहिए हम रात में सफर जितना हो सके कम करे,साथ ही किसी सुनसान जगह पर रात के बजाय दिन में जाये और अज़नबियों से लिफ्ट न ले। 

कैश की बजाय क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करे। 

अपने सामान के साथ अपना कॉंटॅक्ट डिटेल अवश्य रखे ताकि गुम होने पर वापिस मिलने की उम्मीद तो रहेगी।  

आपका पहनावा स्थानीय लोगो से मिलता जुलता होगा तो ज़्यादा अच्छा है। महंगे सामान ज्वैलेरी भी कम से कम होना अधिक बेहतर विकल्प होगा।

महिलाओ को अपने साथ पेपर स्प्रै साथ में रखना चाहिए।   

अपने आस पास के लोगो की क्रियाविधि पर थोड़ा ध्यान देना भी जरूरी है यदि कोई आप में ज्यादा रूचि ले रहा है तो संभल जाये।

कई बार लूटेरे लोग खाने पीने की वस्तुओं में भी नशीली दवाईया मिला देते है इससे भी हमको सतर्क रहना होता है। 

कुछ जगह विशेष पर और भी अन्य सावधानियो के बारे में पहले से जानकारी लेना ज्यादा उचित रहता है जैसे वृन्दावन में बंदर से बचकर रहना चाहिए नहीं तो वो आपका कुछ भी सामान झपट सकते है। हमारा तो चस्मा ही उतार लिया था फिर जब फ्रूटी पीने के लिए दी तब बड़ी मुश्किल से वापिस दिया। 

सफर के दौरान जरूरी है हम मानसिक रूप से मजबूत होकर सारी समस्याओ का मुकाबला करे क्योंकि बहुत सी अनावश्यक घटनाये कभी भी हो सकती है जिनका मुकाबला करने के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए।

उदयपुर ट्रिप के दौरान हमारी टॉय ट्रैन राइड भी कुछ ऐसी ही थी। भगवान की कृपा थी की ट्रैन पलटने के बाद भी कोई जानमाल का नुक़सान नहीं हुआ,पर फिर भी कुछ लोगो को चोट ज़रूर आई। 

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