मानव स्वभाव सृष्टि के उद्गम से ही घुमन्तु रहा है पर आखिर क्यों ऐसा होता है कि हम मौका पाकर निकल पड़ते है यात्राओं पर। 

भारतीय प्राच्य ग्रंथो में मानव के विकास,सुख,शांति की संतुष्टि व ज्ञान के लिए पर्यटन को अति आवश्यक माना गया है। 

जब भी हम यात्रा पर जाते है मन बहलाव होता है,चिंता और तनाव से मुक्ति मिलती है और हमको काफी सुकून मिलता है शायद डाक्टर भी इसलिए कही घूम-कर आने की सलाह देते है। 

यात्रा से शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और जिससे हमारी कार्यक्षमता भी बढ़ जाती है,फलस्वरूप हम जीवन में इच्छित फल भी पा सकते है।

यात्राएं ख़ुशियों या आनंद के अलावा नयी नयी जगहों को खोजना उनको जानना विभिन्न संस्कृति के लोगो का पारस्परिक वार्तालाप आदि के लिए भी की जाती है। 

यात्राओं से हमें ज्ञान प्राप्त करने में बड़ी साहयता मिलती है। यात्राओ से हम निश्चित ही किसी भी विश्व विधालय से ज्यादा ज्ञान प्राप्त  करते है। 

जब हम किसी जगह विशेष पर होते है तो वहाँ स्थानीय लोगो से बातचीत करने पर हमे उन लोगो की सोच,आदत,परंपरा और वहां का इतिहास आदि का भी पता चलता है।

अन्य लोगो के रीतिरिवाजों को देखने पर हमें अपने रीतिरिवाजों को और अधिक समझने में सहायता मिलती  है जिसके कारण हम परस्पर अंतर को समझकर अपनी साँस्कृतिक धरोहर को और अधिक महत्वपूर्ण बनाने में अपना योगदान देते है। 

हमने देखा भी होगा कि विशेषरूप से जब हम अपने देश से दूर होते है तो हमें अपने देश की बहुत सी बाते काफी सुकून देती है। हमको मालूम चलता है कि हम विश्व के बारे में कितना जानते है और कितना कुछ नहीं। 

यात्राओं पर रहने से हमारा प्रतिकिर्या करने का समय बढ़ जाता है और पता चलता है क्या करना है क्या नहीं, हम अचानक से एक जिम्मेदार व्यक्ति बन जाते है। 

हमारा अन्य भाषाओँ का ज्ञान बढ़ता है,हमारी शब्दावली और उच्चारण और अधिक अच्छे हो जाते है।

भिन्न भिन्न प्रकार के खानो का पारंपरिक और स्थानीय स्वाद का पता चलता है क्योंकि स्थान और मौसम विशेष का खाने के स्वाद पर ग़हरा असर पड़ता है। 

यात्राएं हमको और अधिक स्वतंत्र और स्वीकार्य बनाती है। हमारे जीवन में अविस्मरणीय पल आते है, हम एक ऐसे समय के साक्षी बनते है जिसके बारे में हम घर पर रहकर शायद सोच भी नहीं सकते,अतुलनीय अनुभव हमारे पास होता है।

यात्राओं के दौरान हमको ऐसे दृश्य और प्राकृतिक छटा देखने को मिलती है जो शायद हमारे पास ना हो, निर्जन और शांत पहाड़ों या ख़चाख़च और गहमागहमी भरे शहरों का अपना एक अलग ही रूप है।

यात्राओं पर कभी कभी हम ऐसे लोगो से मिल जाते है जो हमारी सोच और हम पर गहरा असर छोड़ते है जिससे कई बार तो हमारा दुनिया को देखने का नजरिया ही बदल जाता है।  

कई बार हमने देखा है यात्राओं पर हम कुछ ऐसा रोमांचक कर जाते है जिसका अनुभव शायद ही हमने अपने जीवन में कभी किया होगा।इसके साथ साथ कई बार ऐसी परिस्थियों का सामना करना पड़ता है जिसके बारे में भी शायद कभी हमने सोचा हो पर यह जरूर है इसके बाद हम और अधिक मजबूत और बहादुर इन्सान बनते है।

यात्राओं से जो ज्ञान हमे प्राप्त होता है वह शायद ही किसी किताब में हो यह हमारा व्यक्तिगत अनुभव होता है और यह बिलकुल भी जरूरी नहीं सबके अनुभव एक जैसे ही हो। हमने देखा भी होगा जब हम किसी समूह में यात्रा पर जाते है तो किसी को कुछ अच्छा लगता है तो किसी को कुछ अलग, सबके अपने अपने अनुभव होते है और ये अनुभव हमारी वास्तविक धरोहर है जिनको हम अपने बच्चो या बच्चो के बच्चो को सुना कर उनको और स्वयं को अपने जीवन के किसी भी क्षण में अभिभूत कर सकते है।

यात्राओं की यादें हमारे बुढ़ापे का प्रमुख केंद्र बिंदु हो सकती है देखा जाये तो ये यादें नहीं हमारे अनुभव है जो अन्य लोगो और समाज के किसी न किसी काम जरूर आ सकते है। 

मै व्यक्तिगत रूप से ऐसे कई लोगो से मिल चुका हूँ जो न जाने कब से घूम रहे है, ऐसे लोगो से जब हम बाते करते है तो समय का पता ही नहीं चलता और वास्तव में ऐसे लोगो की आभा (Aura) ही कुछ और होती है। 

जिस इंसान के पास जितना अधिक अनुभव होता है उसको सुनना या उसके पास रहना उतना ही सुकून देने वाला  होता है।

इतना तो जरूर है जब भी हम किसी लम्बी यात्रा पर लम्बे समय के लिए जाते है तो लौटने पर हम वो इन्सान नहीं होते जो पहले थे हम में बहुत से बदलाव आ गए होते है। 

हम जितने अधिक घूमते है अपनी जिंदगी में उतने अधिक खुश और संतुष्ट होते है और जब हम बूढ़े हो जाएँगे और अपने जीवन को देखेंगे तो हमे भी लगेगा की हमने भी कुछ किया और देखा है इस अद्भुत धरती पर आकर।

तो चलो करे फिर से चलने की तैयारी       

यात्रा पर निकलते समय आप अपनी यात्रा की जगह,अवधि और मौसम के अनुसार अपनी यात्रा की तैयारियों का ब्यौरा बनाए एक चेक लिस्ट तैयार करे जिसमे सभी जरूरी सामान की सूची तैयार करे। 

सारे सामान की पैकिंग एक साथ बाद में करे (नहीं तो बार बार पैकिंग करनी पड़ेगी ) पहले सारे सामान को इकट्ठा कर ले ताकि घर से निकलते समय आप अच्छी तरह अंतिम रूप से चीजों को एक साथ जांच सके।

आप किस माध्यम से (बस,ट्रेन,प्लेन,बाइक,कार या अन्य ) किस स्थान पर और वहां का इस समय मौसम क्या है के अनुसार कपड़ो का निर्धारण करे।  मिक्स मैच कपडे यात्रा के लिए ज्यादा उपयुक्त रहते है पर कोशिश यही होनी चाहिए कम से कम कपडे साथ ले। यदि कोई bussiness meeting नहीं है तो फॉर्मल कपडे और जूते बिलकुल भी साथ लेने की आवश्यकता नहीं है, स्पोर्ट लुक सबसे अच्छा है।

जितना कम सामान साथ में होगा उतना यात्रा का ज्यादा आनन्द लिया जा सकेगा इसके लिए जरूरी है आप छोटा बैग ले क्योंकि बड़े बैग  में हम अधिक सामान यू ही पैक कर लेते है। 

आपकी चैकलिस्ट में शामिल होना चाहिए -कपडे,जूते,दवाई,गैजेट्स,पहचान पत्र,टिकट(अन्य डॉक्युमेंट्स)

इसके अलावा घर का बना खाना (सफ़र का खाना

सारे सामान को इकठा करने के बाद सभी को वर्गीकृत कर ले और रखे भी ऐसे ही जैसे टिकट या अन्य दस्तावेज एक साथ इलेक्ट्रिक सामान अलग, जूते चप्पल अलग, खाना भी अलग ही रखे ताकि जब भी कुछ सामान निकलना पड़े तो आसानी हो। 

आप जिस स्थान की यात्रा पर जा रहे वहां की सम्पूर्ण जानकारी पेपर मैटेरियल पर जैसे एटलस वगैरह होगी तो ज्यादा अच्छा है भले ही नेट से अपनी जरूरत के हिसाब से प्रिंट ही निकल ले। मै आपको आश्वस्त करता हूँ,यह आपके फोन पर बार बार देखने से और भी अन्य कई कारणो से आपके लिए ज्यादा सुविधाजनक होगा। 

हम घूमने जा रहे है किसी युद्ध पर नहीं तो तैयारी को लेकर इतना क्या तनाव लेना,आपकी खुशी और जोश काफी  है आपकी यात्रा को यादगार बनाने के लिए पर जरूरी है ये  हर हाल में  हमेशा बनी रहे।

वैसे भी सब जगह जरूरत का सभी सामान मिल ही जाता है। और यह भी निश्चित है वापसी में हमारे पास सामान बढ़ ही जाता है क्योंकि हम न चाहते हुए भी शॉपिंग कर ही लेते है। 

हमें याद रखना चाहिये  “जितना कम सामान उतना कम तनाव”   

तो तैयार हो जाइए कुछ अनूठी यादो को सहेजने के लिए।

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