सफ़ेद उड़द (उरद ) दाल से बनायीं जाने वाली यह रेसिपी बड़ी आसान है,इसमें टमाटर,धनिया और अदरक का प्रयोग इसको स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाता  है।

उरद दाल के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव

यह वात को कम करने वाली,शक्तिवर्धक,वजन और शुक्राणु बढ़ने वाली कफ़पित्त वर्धक होती है।

यह प्रकृति से मधुर,खाने में रूचि बढ़ने वाली,रक्तपित्त के प्रकोप को कम करने वाली है। 

इसका प्रयोग बवासीर ,साँस की बीमारी में लाभप्रद होता है।

अनिंद्रा में इसका सेवन अच्छा रहता है,उरद दाल मांसवर्धक और पुष्टि-कर होती है। 

इसके अलावा इसमें कैल्शियम,पौटेशियम,आयरन, ज़िंक,जैसे अनेक पौष्टिक तत्व होते है।

सामग्री:

धुली उरद दाल                    २५० ग्राम 

घी                                      ५० ग्राम 

लहसुन पिसा हुआ             ३० ग्राम 

साबुत सुखी मिर्च               १० न 

धनिया दाना                      १० ग्राम

हींग                                   ५ ग्राम 

टमाटर                            ७५० ग्राम 

हरा धनिया                       ३० ग्राम 

हरी मिर्च                             ४ न.

अदरक                              २५ ग्राम 

नमक                                स्वादानुसार 

मक्खन                            १०० ग्राम 

गरम मसाला                     १० ग्राम 

कसूरी मेथी                       ५ ग्राम 

नीबू का रास                   ३० मिली

दाल को अच्छी तरह धोकर २ घंटे के लिए पानी में भीगो दे। 

अब लगभग ३ लीटर पानी में नरम होने तक उबाले और छान कर रख ले। 

टमाटर,प्याज़,अदरक,हरी मिर्च और हरा धनिया को अच्छी तरह धोकर बारीक़ काट ले। 

सुखी लाल मिर्च और धनिया दाना को कूट ले।

कढ़ाई में घी गरम करे,पिसा हुआ लहसुन डाल दे मध्यम आंच पर पकने दे अब कुटी हुई मिर्च और धनिया दाना और हींग डाल दे और थोड़ी देर तक पकाए ।

अब टमाटर डाल दे इसी समय कटा हुआ हरा धनिया  की आधी मात्रा,और कटी हुई मिर्च और अदरक भी कढ़ाई में डाल  दे।

थोड़ा सा पानी डाल  कर पकाए जब तक साइड से मसाला घी न छोड़ने लगे तब तक धीमी आंच पर पकाते रहे।

मसाला भुनने के बाद उबली हुई उरद दाल इसमें मिलाए।

थोड़ी देर तक पकाने के बाद मक्खन डाले इसके साथ ही गरम मसाला,मेथी,नीबू का रस,नमक और बचा हुआ हरा धनिया भी मिला दे ,थोड़ी देर तक करछी से मैश करते हुए और पकाए ।

दाल तैयार है,इसको उसी समय गरम खाएंगे तो ज्यादा अच्छा है नहीं तो इसमें सूखापन सा आ जाता है और ये सख्त हो जाती है।

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