तमिलनाडु के शिव-गंगा जिले में चेट्टिनट क्षेत्र है जो स्थानीय व्यंजनों के लिए विशेष प्रसिद्ध है। 

इसके अलावा यहा की वास्तुकला और धार्मिक मंदिर भी पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते है। 

यहां काली मिर्च का काफी मात्रा में प्रयोग किया जाता है। 

काबुली चना -सफ़ेद चना या चिकपीस या गरबोबिन्स पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है,जो पौधा आधारित प्रोटीन, आहार फाइबर और कार्बोहइड्रेट से भरपूर होता है। 

यह एंटीऑक्सीडेंट और खनिजों जैसे लौह,जस्ता,मैग्निसियम,फोलेट और फॉस्फोरस से भी सर्मद्ध होता है। 

काली मिर्च – स्वाद कलिका (टेस्ट बड्स ) को उत्तेजित करती है जिससे पाचन में सुधार करके उदर सम्बन्धी सूजन,अपच,पेट फूलना,गैस जैसी समस्याओ से मुक्ति दिलाती है।

इसमें जीवाणुरोधी गुण भी होते है जो बैक्ट्रिया प्रेरित आंत्र रोगो का इलाज करने में सहायक है। 

काली मिर्च पाचन शक्ति और भूख  को भी बढ़ाती है। 

यह कफ़ को कम करने में सहायक है। 

बनाने की विधि

 

सामग्री

आटा १५० ग्राम  

बेसन १००  ग्राम 

काबुली चना (उबले हुए )  १५० ग्राम 

काली मिर्च  २ टी स्पून 

सौंफ १ टी स्पून 

इमली ५० ग्राम 

जीरा ५ ग्राम 

सरसों का तेल ५० ग्राम

तिल १५ ग्राम 

सैंधा नमक –

काला नमक –

थोड़ा बेसन (लगभग -३० ग्राम ) अलग बचाकर बाकी बेसन और आटा को थोड़ा सा नमक मिलाकर रोटी के आटे के तरह गूँथ ले। 

थोड़ी देर बाद इसकी रोटियां बना लेते है। 

काली मिर्च और सौंफ को पीस ले।

इमली को गरम पानी में डाल कर रखें।  

पैन में तेल गरम कर के फिर इसमें जीरा डाले अब  उबले हुए चने डालकर पीसी हुई काली मिर्च और सोंफ डाले। 

अब इमली का पानी और सैंधा और काला नमक भी मिला दे थोड़ी देर तक पकने दे जब तक सुख न जाये। 

इस चना मसाला को दो बराबर भागो में बाँट ले। 

एक भाग को पीस ले। 

रोटियों के एक तरफ ये पिसा हुआ चना मसाला फैलाए और इसके ऊपर बिना पिसा चना मसाला और तिल डाल कर रोल बना ले।

बचे हुए बेसन में थोड़ा सा नमक डाल कर  एक पतला घोल बना ले। 

रोल को इस घोल में डूबा कर तवा पर धीमी आंच में थोड़ा थोड़ा तेल डाल कर घुमा घुमा कर सेक  ले। 

रोल तैयार है,खाये भी और पैक करे अपने साथ ले जाने के लिए भी।

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