कुछ ऐसा जो जल्दी से बन जाये शरीर को प्रोटीन,फाइबर,आयरन और विटामिन भी मिले,स्वादिष्ट भी हो और सुबह, दोपहर या शाम कभी भी खाया  जा सके  तो ऐसा ही है बेसन से बनने वाला चीला जो बनने  भी उतना ही आसान है और साथ में सेहतमंद भी। आपको बता दे बेसन से केवल पकोड़े ही नहीं बनते,कुछ इस तरह के स्वास्थ्कर चीजें भी बनाई जा सकती है

पहले जानते है बेसन के हमारे शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव

जैसा की हमको पता है,बेसन चना दाल का आटा है और चना प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत है, जो शरीर को भरपूर ताकत देता है।  यह एक अत्यधिक पोषक आहार है।

यह बिटामिन थाइमिन का एक अच्छा स्रोत है जो भोजन को शरीर में  ऊर्जा परिवर्तित करने में मदद करता है। 

इसमें विटामिन बी ६ पाया जाता है जो न्यूरोट्रांस्मीटर सेरोटोनिन के संस्लेषण में एक महत्वपूर्ण घटक है जिससे भूख और मूड दोनों ही ठीक रहते है।

बेसन रक्तचाप को ठीक करने में भी सहायक है क्योंकि इसमें स्वाभाविक  रूप से सोडियम की मात्रा काफी होती है। 

हम सभी को मालूम है  कि हमारी हड्डीयो  के लिए कैल्सियम कितना जरूरी है पर यह तब ही काम करता है जब इसको फास्फोरस का साथ मिलता है जो बेसन में मौजूद है।

बेसन के आटे  में गेहू के आटे से कम कैलोरी होती है साथ ही यह ग्लूटन रहित होता है जिससे ऐसे लोग जो सेलेक  रोग से ग्रस्त है या ग्लूटेन से एलर्जी है  उनके लिए अच्छा है।

मधुमेह के रोगियों को गेहू के आटे के बजाय बेसन का प्रयोग करना चाहिए क्योकि यह शरीर में ग्लूकोज़ और इंसुलिन दोनों के स्तर  को कम करता है।

बेसन में  फोलेट विटामिन की प्रचुर मात्रा इसको गर्भवती महिलाओ के लिए बहुत उपयोगी बनाती है क्योंकि इसके कारण गर्भ में पल रहे बच्चे की रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क का पूर्णतः विकास होता है।

बेसन में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के गुण  भी है, इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे कि विटामिन बी १, मैग्नीशियम,फास्फोरस,प्रोटीन एवं  एमिनो एसिड का बेहतरीन संतुलन है जो हमारी रक्षा प्रणाली  को मजबूत करता है और हम जल्दी से बीमार नहीं पड़ते।

इसके अलावा यह आंतो की दुर्बलता को दूर करता है जिससे खाना सही से पचता है, 

भूख  नियंत्रित होती है और मोटापे की समस्या भी दूर होती है।

हम इस चीले की रेसिपी में अंकुरित मूंग दाल को चीले के अंदर भरेंगे जिससे यह और भी गुणकारी हो जायेगा।

दालों  में सबसे पौष्टिक दाल मूंग की ही  होती है।

इसमें विटामिन ए,बी,सी,और इ की भरपूर मात्रा होती है। साथ ही पोटैशियम,आयरन, कैल्शियम  भी होता है।

दाल को अंकुरित करने से इसके गुण और अधिक बढ़ जाते है और यह सुपाच्य हो जाती है।

अंकुर एक नया  जीवन है जो वास्तव में हमारे जीवन को भी नया  रखने में सहायक होगा।

इसके उपयोग से शरीर में छुपे टॉक्सिन बहार निकलते है और शरीर विषाक्त होता है, पाचन अच्छा  होता है ,पेट सम्बन्धित समस्या नहीं होती।

अंकुरित मूंग में सोट्रोजन होता है जो शरीर में कोलेजन और इलास्टिन बनाये रखता है जिससे उम्र का शरीर ,चेहरे पर जल्दी असर दिखाई  नहीं देता है।

इसके अलावा मूंग में भी बेसन की तरह विशेषताएँ है वो भी सुपाच्य रूप में।

बेसन और अंकुरित मूंग को मिलाने से यह एक उत्तम संयोजन बनता है।

इन  दोनों दालों का प्रयोग हम अपनी इस रेसिपी में कर रहे है।

बनने की विधि:

सामग्री:-

बेसन                              २ कप 

अंकुरित मूंग दाल             १/२ कप 

दही                                १/२ कप 

हरा धनिया                      १/४ कप

पुदीना पत्ती                     १/४ कप

प्याज़                              १ न  

कुटी मिर्च                        ५ ग्राम 

हल्दी                               ५ ग्राम  

कुटी काली मिर्च                 ३ ग्राम 

हींग                                ३ ग्राम 

जीरा                               ३ ग्राम  

सैंधा नमक                  स्वादानुसार 

सरसो का तेल             ४ से ५ चम्मच

  • धनिया और पुदीना को अच्छी तरह धोकर बारीक़ काट ले,प्याज़ को भी जितना बारीक़ हो काट ले।
  • एक बर्तन में बेसन,दही,धनिया पुदीना,प्याज़,मिर्च,हल्दी, काली मिर्च,हींग, जीरा, नमक इन सभी को  मिला दे।

अब थोड़ा थोड़ा करके पानी इस मिश्रण में  मिलाना है और एक न पतला न गाढ़ा,मध्यम  घोल बनाना है।

  • इसको यदि आधा घंटा रख देंगे तो ज्यादा अच्छा  है नहीं तो तुरंत भी बना सकते है।
  • अब नॉन स्टिक तवा लेना है (यदि नॉन स्टिक तवा न हो तो सामन्य  तवा को भी नॉन स्टिक बना ले कैसे —सबसे पहले तवा पर थोड़ी ज़्यादा मात्रा में तेल डालें धीरे धीरे गरम करे आंच बंद करे थोड़ा ठंडा होने दे फिर दुबारा गरम करे आँच बंद करे ठंडा होने दे। तेल हटा दे,कपडे से साफ करे  फिर नमक डाल कर  धीमी आंच पर पुनः गरम करे चारो तरफ नामक को घुमा घुमा कर पकाये अब नमक भी हटा दे फिर दुबारा से तेल डाले फिर धीरे धीरे गरम करे अब तेल हटा दे ,नॉन स्टिक तवा तैयार  है और तब तक रहेगा जब तक आप इस पर पानी नहीं लगाते)
  • तवा पर घोल को डाले और चारो तरफ फैला दे जितना पतला हो सके।
  • धीमा धीमा सिकने दे, आंच को कम ज़्यदा अपने हिसाब से कर  सकते है।
  • अब इसमें आधी साइड में  स्प्राउट फैला दे और दूसरी साइड उसके ऊपर मोड़ दे, थोड़ी देर बाद पलट दे चीला तैयार है बचे घोल से भी इसी  तरह  बना ले। दही के साथ खाये यदि पुदीना चटनी  हो तो पुदीना पत्ती  न डाले चटनी से ही खाये।

महत्वपूर्ण सुझाव :_आप चाहे तो इस रेसिपी में सरसो के तेल की बजाय घुम्मकड़ घी का प्रयोग कर  सकते है तो हींग,जीरा, काली मिर्च डालने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और स्वाद तो गजब मिलेगा ही।

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