
जब भी हम सफर में होते है तो हमने देखा है अधिकतर पर्यटक पेट की समस्या से जूझ रहे होते है और खुबशुरत नज़ारो का आनंद लेने के बजाय शौचालाय में ज्यादा समय बिता रहे होते है।
पर्यटन हमें अत्यधिक ज्ञान और सुकून देता है,पर हमें इसका आनंद लेने के लिए शारीरिक परेशानियों से दूर रहना पड़ेगा। बहुत ही आसान है फिट रहना,जरूरत है अपने खान पान में कुछ बदलाव करने की ।
क्यों होता है पेट खराब
इसका सबसे बड़ा कारण हमारा खान पान ही होता है,नमक मिर्च में लिपटे उत्पाद जो खाने में तो स्वादिष्ट लगते है पर इनकी गुणवत्ता, वसा का अत्यधिक प्रयोग,बनाने का तरीका आदि हमारी पेट की बीमारी का मुख्य कारण बन जाते है।
जब भी आप को लगे कि आप अच्छा खाना ढूढ़ने में सफल नहीं हो पा रहे है तो ऐसी एक चीज़ जो आपको सुगमता से तो मिल ही जाएगी,सस्ती भी होगी और आपके स्वस्थ्य को भी उच्च स्तर पर रखेगी वो है केला। जी हा केला हमारे सफर का सच्चा साथी ।
केले का वैज्ञानिक नाम ‘मूसा सोपिनटम’ है इसका मतलब होता है “बुद्धिमान व्यक्ति का फल”
सिकंदर महान जब भारत आया था तब उसने केले को पहली बार खाया था और इसके बाद यह पश्चिमी देशो में भी प्रचलन में आ गया।
शास्त्रों में भी केले को बहुत शुद्ध फल माना गया है।
केले खाने के लाभ
इसमें फाइबर की मात्रा काफी होती है जिसके फलस्वरूप यह पाचन क्रिया को चलाने में मदद करता है। केले में रेसिस्टेंट स्टार्च भरपूर होता है जो फाइबर के रूप में कार्य करता है और पेट के स्वास्थ्य को सुद्रढ़ करता है। फाइबर के कारण हमारा भोजन अच्छी तरह पच जाता है,और शौच ठीक से आती है। कब्ज़ की समस्या दूर रहती है। अतिसार (दस्त) में आराम मिलता और आपका बाउल मूवमेंट ठीक रहता है।
केला विटामिन बी ६ से भरा होता है जो की हमारे दिमाग की कार्यप्रणाली को ठीक रखने में सहायक है,इसका मेग्नीशियम नर्वस सिस्टम पर प्रभावी असर डालता है।
यह टाइप २ मधुमेह को रोकने में भी सहायक है जिसका कारण इसमें पाए जाने वाला मेग्नीशियम ही है।
केले में पोटैशियम होने से यह उच्च रक्तचाप को नार्मल रखने में सक्षम बनता है जिसके कारण दिल का दौरा,स्ट्रोक तथा हृदय की अन्य बीमारियों से होने वाली मौतों को कम करता है।
इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम का ज़बरदस्त मिलन इसको हमारी हड्डियों के लिए बहुत उपयोगी बना देता है।
कई बार हम घूमने के साथ साथ पार्टी का आनंद भी लेते है और अगले रोज हैंगओवर हमें काफी परेशान करता है। ऐसी अवस्था में केले में पाए जाने वाला पोटैशियम और सोडियम शरीर में इन दोनों तत्वों की कमी को पूरा करता है और शरीर में तरलता के स्तर को ठीक करता है। इसके साथ ही केला पेट को शांत करने का भी काम करता है।
केला एक गुणकारी फल है,यह शरीर में खून की कमी को पूरा करता है यह इसमें मौजूद आयरन और फोलेट के कारण संभव हो पाता है।
इसमें मौजूद पोटैशियम के कारण ये तनाव से भी राहत दिलाता है।
विटामिन बी सप्लीमेंट कार्य क्षमता को बढ़ाते है जो केले में पाए जाते है।
केला खाने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है,एक केले में ९० कैलोरी होती है।
जर्मन टेनिस खिलाडी बोरिस बेकर ने भी बताया है केले का सेवन उनको ऊर्जान्वित रखता है,वो केले के गुणों के बड़े समर्थक रहे है।
केले में विटामिन ए भी होता है जिसके कारण यह आँखों के स्वस्थ्य के लिए भी अच्छा रहता है।
केले में पोटाशियम और विटामिन बी ६ के होने के वजह से ये महिलाओ के मासिक धर्म को सरल बनाता है,पेट की ऐठन को दूर करता है।
गर्भावस्था के दौरान होने वाली मॉर्निंग सिकनेस जिसमे उल्टी,मितली आदि की समस्याएं आती है केला उसको भी कम करता है।
यात्रा के दौरान,विषेशरूप से बाइक राइडिंग के दौरान सामने से कीड़े टकरा जाते है और काट लेते है यदि कीड़े के काटे पर केले के छिलके का सफ़ेद भाग रगड़ा जाये तो तुरंत आराम मिलता है।
हम जानते है विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है केले में मौजूद विटामिन सी और ए हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते है और हम जल्दी से बीमार नहीं पड़ते।
केला में रेसिस्टेंट स्टार्च और फाइबर इसको वजन नियंत्रण करने में महत्वपूर्ण बनता है।
इसमें सेरोटोनिन और मेलाटोनिन नामक तत्व होते है,जो अच्छी नींद में काफी सहायक होते है।
मात्रा और सेवन का तरीका
एक बार में २ केले तक खाना ज्यादा ठीक रहता है और पूरे दिन में ४ केले, शरीर को मिलने वाले पोषण के हिसाब से अच्छे रहते है।
जब भी आपको अपने आप में ऊर्जा की कमी महसूस हो,आप केला खाए और देखे आपका शरीर और मूड दोनों अच्छे हो गए।

केले और कालीमिर्च का एक अच्छा तालमेल है,केले को बीच में से चीर कर पिसी हुई कालीमिर्च डालकर खाएंगे तो बहुत ही अच्छा है इसके अलावा सर्दियों में दालचीनी पाउडर और सौंठ पाउडर भी केले के साथ खाना अच्छा रहता है।

भूरे रंग के धब्बे सिर्फ केले की आयु ही नहीं बताते बल्कि ये भी संकेत देते है कि इसका अधिकांश स्टार्च शुगर में बदल चुका है। किसी केले पर जितने भूरे धब्बे होंगे उसमे उतनी ही शुगर होगी। हालांकि ये भूरे धब्बे थोड़ी मात्रा में ही सही पर प्रतिरोधी प्रणाली को दुरुस्त करने में सहायक होते है। चित्तीदार केलो में इतना अधिक एंटीऑक्सिडेंट होते है कि कई शोधों में इसे कैंसर से लड़ने में सहायक माना गया है।
केले पर नमक डाल कर न खाए न ही कोई खट्टी वस्तु इसके साथ खाए,केले के साथ अंडे भी न खाये वास्तव में केला अपने आप में पूर्ण है, इसको अकेला खाएँगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।

कच्चा केला
इसके स्वाद पर मत जाइए,सबसे गुणकारी केले का यही रूप होता है। चूँकि इस स्तर पर शुगर सबसे कम होती है,लिहाजा यह बेस्वाद लगता है।इसके प्रतिरोधी स्टार्च इंसान के पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते है।
कच्चे केले से चिप्स जो की दक्षिणी भारत में काफी प्रचलित है, के अलावा विभिन्न करी के व्यंजन भी बनाये जाते है जिनमे ‘फलधारी कोफ्ता’ की रेसिपी मुझे व्यक्तिगत रूप से बड़ी अच्छी लगती है।
कच्चा केला,पके हुए केले से गुणों में किसी भी तरह कम नहीं होता इसमें एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते है,जिस से इम्युनिटी बढ़ती है, उम्र का प्रभाव रुकता है।
जिस पेट की समस्या का हमने शुरु में ही जिक्र किया था तो अब हमें पता चला कि केला पेट के लिए कितना उपयोगी है।
तो अगली बार जब यात्रा पर जाये तो केले का सेवन जरूर करे और अपने अनुभव हमारे साथ बांटे और हम आपके अनुभवों को और लोगो के साथ शेयर करेंगे।